school love story | स्कूल लव स्टोरी | love story |part 1

अधूरी कहानी part २

Love Story | एक अधूरी कहानी| School Love story| Part 1 

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 ✌एक समय की बात है ये कहानी शुरू होती है एक गांव से जो की महारास्ट्र मै आता है उस गांव का वर्णन कुछ ऐसा है की बस गांव की तारीफ करती रहो उस गांव के पास से कावेरी नाम के नदी बहती थी नदी किनारे ही एक भगवान का मंदिर था वहा पे हमेशा भीड़ रहती थी. ऐसे ही गांव मैं दो तीन मंदिर और थे. गांव बड़ा ही धार्मिक था.

   लेकिन कोई भी चीज पूरी अच्छी भी नहीं होती वैसे है गांव की कुछ कमिया भी थी. और वो थी धार्मिक कमी. उस गांव मै अमीर गरीब और नीछ बड़ा जातिवाला ऐसे माना जाता था. वैसे मांग नाम की एक दलित जाती भी थी वही उनमेसे कुछ व्यक्ति ऐसे भी थे जो  प्रथा को मानते  भी नहीं थे.

  उस गांव मैं मै जिला परिषद नामक एक स्कूल भी था. हर रोज सुबह की स्कूल मे होने वाले राष्ट्रीय गायन को सुन के बड़ा ही अच्छा लगता था. और वही स्कूल के पास हैंड पंप था जो गांव के लिए पानी का बड़ा अच्छा जरिया था. जो उसकी पाने निकलते समय आने वाली आवाज बड़ी ही मन मोहक थी.स्कूल के बच्चे ब्रेक होने के बाद वहा पे जाया करते थे और मस्ती करते थे.गांव की तारीफ करने के लिए तो बोहोत शब्द काम ही गिर जायेंगे.

  
  तो ये कहानी है एक ही क्लास मे पढ़ने वाले अमित और आरती की💘. दोनों लग भग पांचवी कक्षा मे थे. अमित एक गरीब घर का और दलित जाती से बिलोंग करता था. और दूसरी और आरती मिडिल क्लास कहने को मतलब वो भी कुछ ज्यादा अमीर नहीं थी लेकिन वो उचि जाती से बिलोंग करती थी. और आरती पढ़ाई मै भी बोहोत ज्यादा होशियार थी. और टीचर की तो पसंदीदा स्टूडेंट थी. हर कोई सवाल का जवाब झट से देती थी. लेकिन उसके माँ और पिताजी भी कुछ ज्यादा पढ़े लिखें नहीं थे. फिर भी आरती पढ़ाई मे बोहोत होशियार थी. वही दूसरी और अमित पढ़ाई पे थोड़ा कम था. और बाकि बोहोत सी चीज़ो मे भी कुछ इतना अच्छा नहीं था. 


 अमित आरती को देखके हमेशा सोचता की इतनी कैसे पढ़ाई कर लेती है. तो अमित को आरती बोहोत ही पसंद आने लगी. उसका हर एक अंदाज बस उसे लुभाने लगा. और हर वो बात उसे अच्छी लगने लगी. भला अमित की ये उमर भी नहीं थी ये सब बाते सोचने की. लेकिन अमित उससे बोहोत घबरा था. जब भी वो उसके आगे आए वो अपने रास्ते बदल लेता था लेकिन उसके मन मे आरती के बे इंतहा वाली रेस्पेक्ट थी. उसे वो बहोत ज्यादा पसंद भी करता और उसकी वो रेस्पेक्ट भी करता था.

    ऐसे ही वक़्त बदलता गया अमित उसको सिर्फ देखते रहता. एक दिन उसने मन मे थान लिया की आज वो आरती को कुछ तो बोलके रहेगा तो उसने दुकान मे से कुछ चॉकलेट लिए और उन्हें कागज मे लपेटा और उसे एकदम पैक कर दिया. और बिना कुछ बोले उसे देकर बिन बताये ही भाग गया.आरती के मन मे ऐसा कुछ भी नहीं था उसे लगा बाकियो की तरह अमित ने भी उसे ऐसे ही चॉकलेट दिए है.

    एक दिन उनके स्कूल मे नए  टीचर की एंट्री हुई. जो दिखने मै काफ़ी स्ट्रिक्ट लग रहे थे. वो ऐसे पाहिले टीचर थे जो गांव मे ही रहते थे. अकेले रहते थे और दलित जो लोग थे गांव मे उनके घर खाना खाने जाते थे. वैसे स्टूडेंट कभी कभी टिफ़िन लेट थे. फिर उस टीचर ने उनके घरे मे बच्चों को पढ़ना सुरु किया और वो भी स्कूल टाइम छोड़ कर और सब मुफ्त मे पढ़ा ते थे. उनके क्लास मे अमित और आरती भी आते थे.और वो सर वक्त के एकदम पक्के थे उन्हें कोई स्टूडेंट लेट आये ये बिलकुल भी बर्दास्त नहीं होता. एक दो बार अमित को घर के काम काज के वहज से लेट हो गयी यों उसे सर से दाट मिली. अमित हर बार किसी न किसी कारण सर की दाट खाता था. और वो टीचर उसे बोहोत ज्यादा आलसी और कम पढ़ाई करने वाला समझने लगे.

   अमित के  माँ पिताजी हर साल काम के बहाने बाहर गांव जाते थे इसके वजह से उसकी पढ़ाई अच्छे से नहीं होती थी. इसकी वजह से अमित के पिताजी ने उसे बोर्डिंग स्कूल मे डालने का निश्चित किया.


  और कुछ दिनों के बाद उसका बोर्डिंग स्कूल मे अड्मिशन  भी हो गया. अमित का जरा भी मन नहीं था की वो बोर्डिंग स्कूल मे जाये. लेकिन अमित की माँ और पिताजी इस बात पे अड़े रहे की अमित को बोर्डिंग स्कूल मे भेजना ही है. अमित बिलकुल उसकी गांव के स्कूल को छोड़ना नहीं चाहता था उसकी हजारों यादें थी उस स्कूल और गांव के बारे मे लेकिन माँ और पिताजी बिलकुल न माने.

     आखिर कर वो दिन आने ही वाला था,  अमित को कल बोर्डिंग स्कूल के लिए जाना था उसे बिलकुल ही अच्छा नहीं लग रहा था. पूरी रात वो सो नहीं पाया बस्स्स स्कूल की यादें जैसे समेट रहा था वो स्कूल, वो नदी, वो खेत बस्स्स ये सोच कर उसकी आँखे भर जाती थी. 

 
 आखिर कर वो दिन आही गया. उसकी माँ ने  उसकी कपडे की बैग भर दियी. अमित की   आँख भर आई थी और अमित हॉस्टल जाने के लिए गाड़ी मे बैठ गया. जैसे ही गाड़ी चालू हुई उसकी आँख पे आंसू आ गए और उसे आरती को देखने के लिए मन करने लगा. लेकिन आरती को भनक भी नहीं थी की अमित हॉस्टल जाने वाला है. और बिना आरती को बिना देखे हॉस्टल जाने लगा. 💖हॉस्टल जाने के लिए आरती के घर के पास से रास्ता जाता था, जैसे ही गाड़ी आरती के घर पास से गुजरने लगे अमित आरती के घर के और देखने लगा उसको देखने के लिए तड़पने लगा अफ़सोस उसे वो देखने को भी नहीं मिला. उसे रोने कर मन किया और बाहर देखने लेगा और उसे महसूस करने लगा...


 जिस कहानि की सुरवात भी नहीं हुई थी अब किनारे आ पहुंची बस्स्स आरती उसकी मन मे और यादो मे  हमेशा के लिए बस गयी..😰😰

आरती और अमित आखिर कर मिलते है की नहीं. क्या उनकी कहानि यहां पे ही ख़त्म होंगी जानने के लिए पढ़ते रहे 👉  अधूरी कहानी part २ 
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Amol Kamble

Hi. I’m Designer of Blog Online Kahani I’m Creative Art maker, Web Designer, Writer and Photographer. Inspired to make things looks better.

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4 comments:

  1. अति सुन्दर ,, में भी हिंदी में ब्लॉग बनती हुँ मेरा ब्लॉग विजिट करे

    https://www.hindimanyata.com/

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