school love story | स्कूल लव स्टोरी | love story | Part 2

school love story | स्कूल लव स्टोरी | love story 

👉अधूरी कहानी Part २ 

  आपका स्वागत है अधूरी  कहनी के एस पार्ट २ में  
    दोस्तों  आपने अब तक देखा  की अमित  जी के  पिताजी ने उसे बोर्डिंग स्कूल  एडमिशन कर ने का  ठान  लिया था 
और  अमित  का  बोर्डिंग क स्कूल में दाखिला भी  कराया ..
   अमित का दाखिला होने के बाद उसे अब उसे उस बोर्डिंग स्कूल में जाना था .जो की उसके मन के बिकुल ही विरुद्ध था 
उसकी जरा सी भी इच्छा नही थी की वो उस बोर्डिंग स्कूल में जाये .उसे बस उसे गाव में किसी भी हाल में रहना था .
और गाव की नदी खेत स्कूल इनके साथ गुलमिल जाना था .पर क्या करे अब वो ये सारी  चीज़े भी नही कर सकता  था .
    अमित के माता और पिताजी के सामने वो कुछ नही कर  सकता था ,भला उसे माता और पिताजी भी कोणासा गलत कर रहे थे 
वो तो सिर्फ अमित के पढाई  के बारे में सोच रहे थे , आने  वाले  अमित के कल के बारे में सोच रहे थे .भला अमित की भी  कोनसी 
उमर थी जो सही और गलत को  जान  सके .
    आखिर कर अमित को बोर्डिंग स्कूल में जाना ही  पड़ा ..
  तो चलो आगे देखते है की कहानी में और क्या क्या होता है .....
      आखिर कार अमित बोर्डिंग स्कूल में आही गया . अमित के मन में अजीब सी घबराहट थी और थोडासा  डर भी था .
बोर्डिंग स्कूल की लाइफ हमारे नोरमल लाइफ से कुछ अलग  ही होती है .समजो की एक जेल की तरह होता है .
आपको कभी आजदी  का मतलब जानना है तो बोर्डिंग स्कूल की  जिंदगी  जी के देखो .अमित को वह जाने को बाद 
आज़ादी का मतलब समज में आया.
    वह ऐसा बोर्डिंग स्कूल था  जहा पे रहने के लिए और स्कूल  क्लासेस की एक ही बिल्डिंग थी .सिर्फ एक ही बिल्डिंग थी जहा पे रहना 
पढना था .वह  बोर्डिंग  स्कूल ऐसा था  जहा डिसिप्लिन कुछ ज्यादा ही थी .अमित धीरे धीरे उस माहोल में घुलता जा रहा था .
  उसी दूसरी और आरती  की  कहानी कुछ अलग ही थी  उसे भी ऐसा लग रहा था जैसे की  किसी की  कमी लग रही हो .
उसे अमित की  कमी लग रही  थी .माना अमित पढाई में इतना  होशियार नही था लेकिन आरती को अमित की कोई तो 
खास बात नजर आती थी .वो चाहती  तो नही थी लेकिन  अमित को अपना अच्छा दोस्त  बनाना चाहती थी लेकिन कब अमित 
चला गया उसे कुछ समज में ही  नही आया . फिर आरती ने जानने की कोशिश  तो उसे पता चला की उसने अपनी स्कूल बदल 
ली हे . 
school love story | स्कूल लव स्टोरी | love story 
School love story | love story
    वही दूसरी और  अमित को उसकी स्कूल की आदत होने लगी थी .कभी कभी उसे बहुत ही अकेलापन  महसूस होता .लेकिन आगे 
चलकर वो अपने दोस्तों के साथ रहे लगा और अपना अकेलापन  दूर करने लगा .अमित को कभी कभी उसके गाव की बोहोत यद् आती थी 
हर  वो चीज़ उसे यद् आती थी जिस से उसकी कुछ न  कुछ यादे जुडी हुइ थी .वो खेत वो नदी वो स्कूल  वो पेड़ वो गाव बस्स उसमे खोया 
रहता था .
    उसे खेत में घूमना और दूर तक पैन्दल जाना बड़ा ही अच्छा लगता  था पर हॉस्टल आने के  बाद ये सब  था ,ना बाहर जा सकते थे 
और न  कही घुमने  हर रोज  व्ही स्कूल और फिर बेडरूम . हर रोज वही  दिनचर्या   थी .फिर क्या उसे  ये सब आदत सी हो गयी .
वो पहिले  से कुछ अकेला रहने लगा  और वही उसमे  खुश रहने लगा .उसे कुछ महीनो के बाद ऐसा ज्ञात हुआ की जब वो किसी 
से बात करता तो उसे कुछ प्रॉपर वर्ड वर्ड्स याद  नही आते थे या फिर बाते करते वक़्त कभी हिचकिचाता  था .
तो आप समज सकते है की अमित कितना अकेले रहता था .
    कुछ  समय बाद उसके स्कूल में एक मैडम आयी  जो दिखने में बोहोत खुबसुरत थी और पढ़ाने में भी अछि थी .अमित के क्लास्स 
में ज्यादा तर होशियार  बच्चे थे .फिर अमित को भी  कही  न कही  लगने लगा उसे भी पढाई सुरु करनी चाहिए .फिर अमित ने अछि 
से पढाई सुरु की ,क्लास में जो भी टीचर पढ़ते थे अमित मन लगा  कर पढ़ता था  और समय  पर अपना होमवर्क भी करता था .
धीरे धीरे अमित को पढाई में कुछ ज्यादा ही रूचि आने लगी और ज्यादा पढाई करने लगा .
  अमित ने इतनी पढाई की  फिर अमित की पहचान क्लास  के होशियार बचो में की जाने लगी .और सबसे बड़ी बात ये थि की अमित 
जो मैडम आई थी उनका पसंदीदा  छात्र  था क्यू की अमित उनकी दी गयी बात मन में ठाण लेता था और जी जान लगा  के उसे पूरा 
करता था .उनके सब्जेक्ट में  हमेशा अछे नंबर लाता  था .कभी कभी मैडम बचो को तो अमित जैसे बन्ने के लिए कहती थी  मैडम की नजर 
में अमित एक  होशियार  और शांत स्वाभाव का  छात्र  था . 
    जब कभी स्कूल को छुटिया  लगती अमित घर जाने के लये टायर होता ह.उसके चेहरे पर कुछ अलग ही मुस्कान रहती .और वो कुछ
 बोहोत ही ज्यादा खुश होता .वो छुट्टियों का दिन देखने के लिए हॉस्टल के सारे बच्चे  खोये रहते .हर किसी को ह घर जाने की 
कुछ अलग सी  फीलिंग होती थी .वैसे तो  अमित को भी होती  थी. वो घर जाने के ख़ुशी में जाने के पाहिले दिन सोता नही था. 
उसे नीद नही आती थी बस्स घर जाके  क्या क्या करना है इसके बारे में सोचता था .वह सोचता था की उसे आरती का वो चेहरा जरूर दिखेगा 👸.
आखिर वो सुबह आ गयी जिस की उसे कई दिनों से इंतजार था और कुछ अलग सी मुस्कराहट उसके चेहरे पे होती थी 😊
       बोर्डिंग स्कूल से घर जाने के लिए उसने अपनी बैग पैक कर रखी थी .
उसे  घर जाने के लिए उसके पिताजी आने वाले थे . उसके गाव से बोर्डिंग स्कूल आने के लिए लगभग एक घंटे का समय लगता था .अमित सुबह से नहा कर एकदम तयार था .और नये कपडे पहेनकर तयार था और अपने पिताजी की रह देख रहा था .सुबह से वक़्त निकलता जा रहा लेकिन उसके पिताजी अभीतक नही आये थे . वही समय में वह आरती के बारे में सोच रहा था  और सोचते सोचते भी  सो गया .और कुछ समय बाद उसे किसी का आवाज आया अमित तेरे पिताजी निचे आये है .अमित का ख़ुशी का ठिकाना न रहा . अपने पिताजी को देखर उसके ख़ुशी का ठिकाना न रहा . और वो जल्दी से अपना लीव एप्लीकेशन  के ऊपर पिताजी की सिग्नेचर ली और हॉस्टल गार्डन के पास दे आया .और उसे घर जाने के लिए छूटी मिल गयी .अमित बोहोत ज्यादा खुश था .  और  ये सोच रहा था अब आरती उसे दिखेगी .जैसे अमित हॉस्टल के बिल्डिंग के बहार आया उसे खुला आसमान नजर आया वो दृश्य इतना रमणीय था  की उसे कभी ऐसा नही देखा  था .
बहने वाली हवा का स्पर्श और वो  वह उसे कुछ अलग सी महसूस हो रही थी .उड़ते पंछी देख कर उसे तब आज़ादी का मतलब समज में आया .जो की कभी किसी किताब नही सिखाया था. इसिलए तो कहते है की अनुभव ही अच्छा साथी होता है .
 अमित आगे अपने पिताजी से बात करत करते आगे चल रहा था जिसे उसे वहा गाव जाने के लिए गाड़ी लगती थी .तो जल्द जल्द घर पहुचना था .और आरती को देखना था .आखिर कर उन्हें गाड़ी मिल गयी और वह अपने गाव के तरफ चलने लगा.गाड़ी से चलते समय कुछ अलग सी मुस्कराहट उसके मुह पे थी और न जाने कितनी खुशी उसके मन में थी .
     अमित को आरती को देखना था लेकिन वो गाव के अन्दर भी जा नही सकता था क्यू की उसे उनके बड़े जाती वाले लोगो का डर लगता था वैसे भी अमित आरती को कभी नजर मिलके देखता था भी नही था ,कुछ अलग सी घबराहट  उसके मन में रहती थी.  
  अमित अब फिर से गाव में कुछ दिनों कल ये आ गया था .उसे बस  किसी भी हल पे उसका चेहरा देखना था ...
  
तो दोस्तों आज के पार्ट में इतना ही ..आगे हम देखेंगे कैसे अमित आरती को मिलता है  और क्या होता है आगे पढने के लिए अधूरी कहानी पार्ट ३ पढ़िए 













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Amol Kamble

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